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Friday, 12 August 2011

इश्क है क्या है

मेरे हाथों में उसका हाथ अब भी महसूस होता है
नज़र और रूह का वो साथ अब भी महसूस होता है 
उसकी खुश्बू अब तक है मेरी सांसों में बसी 
अब भी कानों में खनकती है वो दिलकश-सी हंसी  
वो दूर रहकर भी लगे है जैसे पास ही है मौला 
इश्क है या जो भी है कुछ ख़ास ही है मौला...... 

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