मेरे हाथों में उसका हाथ अब भी महसूस होता है
नज़र और रूह का वो साथ अब भी महसूस होता है
उसकी खुश्बू अब तक है मेरी सांसों में बसी
अब भी कानों में खनकती है वो दिलकश-सी हंसी
वो दूर रहकर भी लगे है जैसे पास ही है मौला
इश्क है या जो भी है कुछ ख़ास ही है मौला......
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